चतरा। दलितों को जागरूक करने के लिए ग्रामोदय चेतना केंद्र द्वारा किया जा रहा पांच दिवसीय पदयात्रा रविवार को सदर प्रखंड के संघरी और जलेद का दौरा किया। यात्रा का नेतृत्व कर रहे संस्था के संस्थापक सदस्य डा. बद्री प्रसाद वर्मा ने कहा कि इन गांवों के ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं से भी पूरी तरह वंचित हैं। ग्रामीणों को पिछले तीन वर्षो से जन वितरण प्रणाली के माध्यम से खाद्यान्न नहीं मिला है।
चतरा। दलितों की भूमि पहचान एवं रोजगार को लेकर उन्हें जागरूक करने के लिए दलित अधिकार सुरक्षा मंच शनिवार से सदर प्रखंड में पांच दिवसीय पदयात्रा का आगाज किया है। पदयात्रा की शुरूआत सजना गांव से की गई है। इस आयोजन में ग्रामोदय चेतना केंद्र और संपूर्ण ग्राम विकास केंद्र सहयोगी की भूमिका में हैं। पदयात्रा का नेतृत्व ग्रामोदय चेतना केंद्र के संस्थापक सदस्य डा. बद्री प्रसाद वर्मा एवं सचिव सविता बनर्जी कर रही हैं। इसमें सीरा राम, रीना देवी और जदुल भारती भी शामिल हैं। सजना के बाद होरलाबार में पदयात्रा का किया गया। डा. बद्री प्रसाद वर्मा ने दलित समान वर्षो से उपेक्षित और शोषित है। उनके हक और अधिकार के लिए वैसे तो सरकार ने कई योजनाएं चला रखी है, लेकिन जानकारी के अभाव में उन्हें उनका हक और अधिकार नहीं मिल पाता है। दलित समुदाय आज भी अंधविश्वास का जीवन जी रहे हैं। उनके बीच इस पदयात्रा के माध्यम से जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पांच दिनों के भीतर इस यात्रा के माध्यम से दलित बहुल गांवों एवं टोलों में जाकर उन्हें अपने हक व अधिकार के प्रति जागरूक किया जाएगा।
चतरा। दलित अधिकार सुरक्षा मंच एवं ग्रामोदय चेतना केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में सोमवार को प्रतापपुर प्रखंड के भुइयांडीह गांव में एक बैठक का आयोजन किया गया। इस मौके पर दलित महिलाओं को सशक्त बनाने एवं संगठित कर उनके हक व अधिकार की जानकारियां दी गई। बैठक को संबोधित करते हुए दलित अधिकार सुरक्षा मंच की सविता बनर्जी ने कहा कि महिलाएं जब तक हक व अधिकार के लिए आवाज नहीं उठाएंगी, तब तक उन्हें समाज के द्वारा प्रताडि़त किया जाता रहेगा। बैठक में दलित महिलाओं को सरकारी कायरें में बिचौलियावाद को समाप्त करने के लिए आवाज उठाने तथा सरकारी सुविधा उठाकर आर्थिक रूप से सुदृढ़ होने की बात कही गई। बैठक में सिदिकी पंचायत के लगभग सत्तर महिलाएं उपस्थित थी।
Published in Both Print and Online Edition http://in.jagran.yahoo.com/news/local/jharkhand/4_8_5551770.html Retrieved on June 17, 2009 महिलाओंकोदोगईकानूनकीबुनियादीजानकारियां June 17, 2009 चतरा।जिलाविधिकसेवाप्राधिकारएवंदलितअधिकारसुरक्षामंचकेसंयुक्ततत्वावधानमेंमंगलवारकोकानूनीजागरूकताशिविरकाआयोजनकियागया।इसमौकेपरउपस्थितमहिलाओंकोकानूनद्वाराप्रदत्तउनकेहकऔरअधिकारपरवक्ताओंनेविस्तृतरूपसेचर्चाकिया।यहआयोजनस्वयंसेवीसंस्थाग्रामोदयचेतनाकेंद्रकेकार्यालयपरिसरमेंसंपन्नहुआ।कार्यक्रममेंबतौरमुख्यअतिथिकेरूपमेंउपस्थितजिलाविधिकसेवाप्राधिकारकेसचिवसहसबजजमायाशंकररायनेकहाकिकानूनकीदृष्टिमेंमहिला-पुरुषमेंकोईभिन्नतानहींहै।दोनोंकोसामानअधिकारदियागयाहै।लेकिनउसकेबादभीमहिलाएंउपेक्षितहैं।क्योंकिवेजागरूकनहींहै।जिसदिनमहिलाएंजागरूकहोजाएगी, उसदिनउन्हेंकोईभीउपेक्षितनहींकरसकेगा।उन्होंनेकहाकिविधिकसेवाप्राधिकारद्वारापीडि़तोंकोमुफ्तकानूनीसेवाउपलब्धकरायाजाताहै।पीडि़तमहिलाएंइसकालाभउठाएं।कार्यक्रममेंजिलेकेदसविभिन्नगांवोंकीसौसेअधिकदलितमहिलाएंशामिलहुई।कार्यक्रमकासंचालनग्रामोदयचेतनाकेंद्रकीसचिवसविताबनर्जीनेकिया।कार्यक्रमकोडा. बद्रीप्रसादवर्मानेभीसंबोधितकिया।
वासनाकीभेंटचडीविछिप्तमहिला, हुईगर्भवती June 13, 01:55 am (Online Edition)
चतरा। मनुष्य धरती पर सबसे बुद्धिमान माना जाता है। लेकिन कभी-कभी मनुष्य की बुद्धिमानी ऐसे भटकजाती है कि वह दरिन्दों में शुमार होने लगता है। ऐसे ही चतरा में वहशी दरिन्दों की हवस का शिकार बनी हैएक विक्षिप्त महिला। इस विक्षिप्त महिला की पीड़ा ने पूरे मानवता को शर्मसार कर डाला है। स्थानीयसमाहरणालय के समीप खुले आसमान के नीचे दर्द से कराहती इस विक्षिप्त महिला के साथ इंसान रूपीहैवानों ने हैवानियत का ऐसा खेल खेला, जिसकी कल्पना मात्र से उनके प्रति घृणा और आक्रोश का भावकिसी के मन में उत्पन्न में हो जाता है। आज यह विक्षिप्त गर्भवती है और दरदर की ठोकरें खा रही है। इसकीलाचारी और बेबसी को देखकर लोग रोटी के टुकड़े तो परोस देते है, पर इसकी सहायता को न तो कोई स्वयंसेवी संस्था और न ही जिला प्रशासन आगे आ रहा है। मानव सेवा सबसे बड़ा सेवा है, इसके नाम पर कईस्वयं सेवी संस्थाएं सरकार से धनराशि ले रही है। पर उनका यह धनराशि कहां खर्च हो रहा है, इस विक्षिप्तमहिला को देखकर सहजता के साथ अनुमान लगाया जा सकता है। बांग्ला भाषी यह महिला पिछले डेढ़ वषरेंसे चतरा में देखी जा रही है। अपने साथ बांग्ला भाषा में लिखा एक प्लास्टिक का बैग वह हमेशा रखती है।प्लास्टिक के इस बैग पर बड़ा बाजार वर्द्धमान लिखा हुआ है। जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यहविक्षिप्त महिला वर्द्धमान या उसके आसपास के क्षेत्रों की रहने वाली है। वह पूरे दिन शहर में इधर-उधरभटकने के बाद शाम ढलते ही समाहरणालय के आसपास रात में गुजारा करती है। ग्रामोदय चेतना केंद्र कीसचिव सविता बनर्जी का कहना है कि पुरुष की अंधी वासना का शिकार हुई है यह महिला। उन्होंने इसकेप्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि जब तक समाज में संवेदनशीलता नहीं आएगी, तब तक इस तरह कीघटनाएं होते रहेगी। उन्होंने जिला प्रशासन से इसकी सुरक्षा व उपचार की मांग की है। डा. नंदकिशोर प्रसादने कहा कि मनुष्य के भीतर एक चेतना होती है। यही चेतना इंसान और जानवर के फर्क को दर्शाता है।विक्षिप्त महिला के साथ जिस किसी ने भी ऐसा कुकर्म किया है, वह चेतना शून्य व्यक्ति है।
The last person is our first concern ................. GCK is a leading NGO of Chatra District, Jharkhand, working in the field of Education, Health, Children, Economic Upliftment, Co-operation in Society and Remove Social Evils from Society. GCK first registered with Government of Bihar in 1991 under Society Registration Act 1860 XXI Registration NO. 479/1991-92 Dated December 02, 1991. After partition of Bihar its registration is continued with Government of Jharkhand under the same society registration act 1860 XXI since 2006 with Registration No. 358/2006-07 Dated November 07, 2006. Our FCRA Registration No. is 337670002, Dated December 23, 2002; and PAN Number is AAATM/4480A. Your social contribution for this NGO will be most welcome. Kindly donate us with this address:- Gramoday Chetna Kendra, Telephone Tower Road, PO. and Dist.:- Chatra, Jharkhand 825401, Ph:- +91 6541 223456, Mob.:- +91 9431 333388, Email:- mail4gck@gmail.com