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Thursday, June 18, 2009

महिलाओं को दो गई कानून की बुनियादी जानकारियां

GCK in News. Dainik Jagaran
Published in Both Print and Online Edition
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/jharkhand/4_8_5551770.html
Retrieved on June 17, 2009
महिलाओं को दो गई कानून की बुनियादी जानकारियां
June 17, 2009
चतरा। जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं दलित अधिकार सुरक्षा मंच के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार कोकानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस मौके पर उपस्थित महिलाओं को कानून द्वारा प्रदत्तउनके हक और अधिकार पर वक्ताओं ने विस्तृत रूप से चर्चा किया। यह आयोजन स्वयं सेवी संस्था ग्रामोदयचेतना केंद्र के कार्यालय परिसर में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जिलाविधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह सब जज माया शंकर राय ने कहा कि कानून की दृष्टि में महिला-पुरुषमें कोई भिन्नता नहीं है। दोनों को सामान अधिकार दिया गया है। लेकिन उसके बाद भी महिलाएं उपेक्षित हैं।क्योंकि वे जागरूक नहीं है। जिस दिन महिलाएं जागरूक हो जाएगी, उस दिन उन्हें कोई भी उपेक्षित नहीं करसकेगा। उन्होंने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा पीडि़तों को मुफ्त कानूनी सेवा उपलब्ध कराया जाता है।पीडि़त महिलाएं इसका लाभ उठाएं। कार्यक्रम में जिले के दस विभिन्न गांवों की सौ से अधिक दलितमहिलाएं शामिल हुई। कार्यक्रम का संचालन ग्रामोदय चेतना केंद्र की सचिव सविता बनर्जी ने किया।कार्यक्रम को डा. बद्री प्रसाद वर्मा ने भी संबोधित किया।

Sunday, June 14, 2009

Social Concern and Thoughts of GCK

GCK in News. Dainik Jagran

Published in Both Print and Online Edition

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/jharkhand/4_8_4537974.html

Retrived on June 13, 2009


वासना की भेंट चडी विछिप्त महिला, हुई गर्भवती
June 13, 01:55 am (Online Edition)
चतरा। मनुष्य धरती पर सबसे बुद्धिमान माना जाता है। लेकिन कभी-कभी मनुष्य की बुद्धिमानी ऐसे भटक जाती है कि वह दरिन्दों में शुमार होने लगता है। ऐसे ही चतरा में वहशी दरिन्दों की हवस का शिकार बनी है एक विक्षिप्त महिला। इस विक्षिप्त महिला की पीड़ा ने पूरे मानवता को शर्मसार कर डाला है। स्थानीय समाहरणालय के समीप खुले आसमान के नीचे दर्द से कराहती इस विक्षिप्त महिला के साथ इंसान रूपी हैवानों ने हैवानियत का ऐसा खेल खेला, जिसकी कल्पना मात्र से उनके प्रति घृणा और आक्रोश का भाव किसी के मन में उत्पन्न में हो जाता है। आज यह विक्षिप्त गर्भवती है और दरदर की ठोकरें खा रही है। इसकी लाचारी और बेबसी को देखकर लोग रोटी के टुकड़े तो परोस देते है, पर इसकी सहायता को तो कोई स्वयं सेवी संस्था और ही जिला प्रशासन आगे रहा है। मानव सेवा सबसे बड़ा सेवा है, इसके नाम पर कई स्वयं सेवी संस्थाएं सरकार से धनराशि ले रही है। पर उनका यह धनराशि कहां खर्च हो रहा है, इस विक्षिप्त महिला को देखकर सहजता के साथ अनुमान लगाया जा सकता है। बांग्ला भाषी यह महिला पिछले डेढ़ वषरें से चतरा में देखी जा रही है। अपने साथ बांग्ला भाषा में लिखा एक प्लास्टिक का बैग वह हमेशा रखती है। प्लास्टिक के इस बैग पर बड़ा बाजार र्द्धमान लिखा हुआ है। जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह विक्षिप्त महिला र्द्धमान या उसके आसपास के क्षेत्रों की रहने वाली है। वह पूरे दिन शहर में इधर-उधर भटकने के बाद शाम ढलते ही समाहरणालय के आसपास रात में गुजारा करती है। ग्रामोदय चेतना केंद्र की सचिव सविता बनर्जी का कहना है कि पुरुष की अंधी वासना का शिकार हुई है यह महिला। उन्होंने इसके प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि जब तक समाज में संवेदनशीलता नहीं आएगी, तब तक इस तरह की घटनाएं होते रहेगी। उन्होंने जिला प्रशासन से इसकी सुरक्षा उपचार की मांग की है। डा. नंदकिशोर प्रसाद ने कहा कि मनुष्य के भीतर एक चेतना होती है। यही चेतना इंसान और जानवर के फर्क को दर्शाता है। विक्षिप्त महिला के साथ जिस किसी ने भी ऐसा कुकर्म किया है, वह चेतना शून्य व्यक्ति है।

Friday, June 12, 2009

हक व अधिकार के लिए महिलाएं एकजुट हों

GCK in News. Dainik Jagran.
Published in both Print and Online Edition
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/jharkhand/4_8_5535862.html
Retrieved on June 11, 2009

चतरा। आज कानूनी रूप से समाज में महिलाओं का समानता का अधिकार प्राप्त है। परंतु कदम-कदम पर इनके साथ शोषण अत्याचार हो रहा है। महिलाओं को अपने हक अधिकार के लिए एकजुट होना पड़ेगा। तभी इनका उत्थान हो सकता है। उक्त बातें दलित अधिकार सुरक्षा मंच के बैनर तले स्वयं सेवी संस्था ग्रामोदय चेतना केंद्र में बुधवार को आयोजित महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए महादेवी वर्मा महिला महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. दमयंती साहा ने कही। श्री साहा कार्यक्रम में बतौर अतिथि उपस्थित थे। महिलाओं के विकास उत्थान के बारे में बोलते हुए कहा कि आज हम क्षेत्र में पुरुषों द्वारा महिलाओं पर अत्याचार करने की बात सामने रही है। इसके बावजूद महिलाएं चुप रहकर सारी यातनाएं सह रही है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ग्रामोदय चेतना केंद्र की सचिव सविता बनर्जी ने महिलाओं की समानता का अधिकार बताते हुए कहा कि समाज के नवनिर्माण में महिलाओं की भूमिका अहम है। दलित अधिकार सुरक्षा मंच महिलाओं के विकास उत्थान के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि उनके साथ किसी भी तरह की समस्या उत्पन्न होती है तो वे मंच के माध्यम से समस्या का समाधान कर सकती हैं।